सोलह सोमवार व्रत कथा | solah somvar vrat katha in hindi
सोलह सोमवार व्रत कथा एक समय की बात है श्री महादेव जी माता पार्वती के साथ भ्रमण करके मृत्युलोक में अमरावती नगरी में आए, वहां राजा ने सुन्दर शिव मन्दिर बनवाया, जिससे भगवान शंकर वही ठहरने लगे। एक दिन पार्वती जी शिवजी से बोली, हे नाथ! आओ आज चौसर खेलें। खेल प्रारम्भ हुआ, उसी समय पुजारी जी पूजा करने आए। पार्वती जी ने पूछा, पुजारी जी बताइए जीत किसकी होगी ? वह बोले, शंकर जी की और अन्त में जीत पार्वती जी की हुई। पार्वती जी ने मिथ्या भाषण के कारण पुजारी जी को कोढ़ी होने का श्राप दिया, पुजारी जी कोढ़ी हो गए। कुछ काल बाद अप्सराएं पूजन के लिए आई, पुजारी से कोढ़ी होने का कारण पूछा तो पुजारी ने सारी बात बता दी। इस पर अप्सराएं बोली, पुजारी जी तुम सोलह सोमवार का व्रत करो। महादेव जी तुम्हारा कष्ट दूर करेंगे। पुजारी ने उत्सुकता से व्रत की विधि पूछी, अप्सरा बोली, सोमवार का व्रत करें, संध्यापासनोपरान्त आधा सेर गेहूं के आटे के तीन भाग क...