संदेश

सितंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राम जी के भजन | Ram Bhajan | Shree Ram Bhajan

चित्र
राम जी के भजन राम का नाम लेते-लेते मेरी उमरिया बीती जाए राम का नाम लेते-लेते, मेरी उमरिया बीती जाए, हे प्रभु! आप कब मिलेंगे, अब तो दर्शन दीजिए। हर सुबह हर शाम पुकारूं, तेरी राहों में मैं निहारूं। मन में आस जगी है प्यारे, कब आओगे मुरारी? भक्ति में जीवन बिता दिया, अब तो दर्शन दीजिए। राम का नाम लेते-लेते, मेरी उमरिया बीती जाए… मंदिर-मंदिर दीप जलाए, हर गली हर द्वार बुलाए। भजन गाकर, ध्यान लगाकर, तेरी महिमा गाए। अब तो आओ हे कृपालु, मुझको दर्शन दीजिए। राम का नाम लेते-लेते, मेरी उमरिया बीती जाए… तेरी लीला अपरंपार, संत-जन भी कहें बार-बार। जो भी तेरा नाम पुकारे, उसका हो उद्धार। मैं भी तेरा दास प्रभु, अब तो कृपा दीजिए। राम का नाम लेते-लेते, मेरी उमरि...

मनसा महादेव व्रत कथा | Mansha Mahadev Vrat Katha in Hindi

चित्र
मनसा महादेव व्रत कथा एक समय की बात है, कैलाश पर्वत पर महादेवजी तथा पार्वतीजी विराजे हुए थे। वहां चारो ओर शीतल, मन्द तथा सुगन्धित हवा चल रही थी । चारो ओर वृक्ष की लताओं पर पुष्प तथा फल लदे हुए थे। ऐसे सुहावने मौसम में पार्वतीजी ने महादेवजी से कहा कि हे नाथ ! आज चलो चौसर खेलते हैं। तब महादेवजी ने कहा कि चौसर के खेल में छल-कपट बहुत होता है, इसलिए कोई मध्यस्थ होना चाहिए। महादेवजी के इतना कहते ही पार्वतीजी ने अपनी माया से वहां एक बालक बनाकर बैठा दिया तथा महादेवजी ने अपने मंत्रों के बल से उसमें जान डाल दी। महादेवजी ने उस बालक का नाम अंगद रखा तथा बालक को आदेश दिया कि तुम हम दोनों की हार जीत को बताते रहना। ऐसा कहकर महादेवजी ने चौसर का पाशा चलाया और अंगद से पूछा कि बताओ कौन जीता और कौन हारा है ? तब अंगद ने उत्तर दिया कि महादेवजी आप जीते हैं और पार्वतीजी हारी हैं । इसके बाद महादेवजी ने फिर पाशा फेंका और अंगद से पूछा कि इस बार कौन जीता और कौन हारा ? इस बार भी अंगद ने वही जवाब दिया कि महादेवजी जीते हैं और पार्वतीजी हारी...